आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मानसून सत्र के दौरानअलवर मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया। उन्होने कहा कि राजस्थान पुलिस गौरक्षकों का समर्थन कर रही है।
ओवैसी ने कहा, राजस्थान पुलिस की कार्रवाई पर मुझे कोई हैरत नहीं है। उन्होंने पहलू खान मर्डर केस में ऐसा ही किया था। राजस्थान पुलिस गौरक्षकों का समर्थन कर रही है। पुलिस और गौरक्षक आपस में मिले हुए है।
Rajasthan police's actions are not a surprise to me, they did the same in Tilu khan murder case. Rajasthan police is supporting cow vigilantes. These Gau Rakshaks and police are in this together: Asaduddin Owaisi on Alwar lynching case pic.twitter.com/j7Dobo4Q6t
— ANI (@ANI) July 23, 2018
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इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि संविधान के तहत मुस्लिमों को नहीं बल्कि गायों को जीने का नैतिक अधिकार मिला हुआ है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए ट्वीट कर लिखा, ‘गाय को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने का नैतिक अधिकार है और एक मुस्लिम को मारा जा सकता है क्योंकि उनके ‘जीने’ का नैतिक अधिकार नहीं है। मोदी शासन के चार साल- लिंच राज।’
Cow in India has a Fundamental Right to Life under Art 21 & a Muslim can be killed for they have no Fundamental right to LIFE
Four years of Modi rule – LYNCH RAJ https://t.co/IZuQSPY56F— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 21, 2018
बता दें कि मृतक अकबर उर्फ़ रकबर पुत्र सुलेमान अपने साथी के साथ गायों को लेकर लालामंडी रामगढ़ से पैदल जा रहे थे। तभी रास्ते में कथित गौ रक्षकों के साथ ग्रामीणों ने उनकी पिटाई कर दी। इस दौरान अकबर का एक साथी तो भाग निकला, लेकिन अकबर भीड़ के हत्थे चढ़ गया। सूचना के बाद पुलिस ने अकबर को अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई।