पूर्व मंत्री मिलिंद देवड़ा ने मंगलवार को कहा कि धार्मिक उ’त्पीड़न से भाग रहे बांग्लादेशी हिंदुओं को बचाने के लिए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) में संशोधन किया जाना चाहिए। उनका बयान पिछले सप्ताह बांग्लादेश में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हुई सां’प्रदायिक हिं’सा की खबरों के बाद आया है।
इस घटना को “चिंताजनक” बताते हुए, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने “भारतीय मुसलमानों को बांग्लादेशी इस्लामवादियों के साथ बराबरी करने” के प्रयासों के खिलाफ भी चेतावनी दी।
Bangladesh’s escalating communal violence is extremely worrying.
CAA must be amended to protect & rehabilitate Bangladeshi Hindus fleeing religious persecution.
India must also reject & thwart any communal attempt to equate Indian Muslims with Bangladeshi Islamists.
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) October 18, 2021
देवड़ा ने ट्विटर पर लिखा, “बांग्लादेश की बढ़ती सांप्रदा’यिक हिं’सा बेहद चिंताजनक है। धार्मिक उत्पी’ड़न से भाग रहे बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा और पुनर्वास के लिए सीएए में संशोधन किया जाना चाहिए। भारत को बांग्लादेशी इस्लामवादियों के साथ भारतीय मुसलमानों की बराबरी करने के किसी भी सांप्र’दायिक प्रयास को अस्वीकार और विफल करना चाहिए।”
सीएए का उद्देश्य अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता का रास्ता आसान बनाना है।
सोशल मीडिया पर उक्त घटना के वीडियो वायरल होने के बाद, कमिला जिले के एक दुर्गा पूजा पंडाल में एक कथित ईशनिंदा की घटना की खबरें सामने आई थीं। इसके आलोक में देश के कुछ हिस्सों में हिं’सा भड़क उठी और चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली, कॉक्स बाजार के पेकुआ में मंदिरों में तो’ड़फोड़ की गई। नोआखली में एक इस्कॉन मंदिर पर भी हम’ला किया गया था।
हालांकि बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने एक भाषण में हिं’सा के दोषियों को स’ज़ा दिलाने का वादा किया। उन्होंने चेतावनी दी कि हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा स्थलों पर ह’मलों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। बांग्लादेश की 16.9 करोड़ की आबादी का लगभग 10% हिंदू हैं।